Nowadays I wake up
Without remembering my dreams
I let them pass
They were just dreams ...you know
But still I crave those moments
Of fancy
Of madness
Of joy
Of revelry
If only I could recall a wee bit
If only I could sleep
All night
आजकल सुबह जगती हूँ तो
सपनें याद नहीं आते
मैं भी जाने देती हूँ
सपनें ही तो थे बस पता है न
पर फिर भी न जाने क्यों
उन लम्हों को तरस जाती हूँ
वो कल्पनाएं
वो पागलपन
वो ख़ुशी
वो बेबाकपन
काश मुझे याद रहते इतना सा भी
काश मैं सो सकती रात भर
https://www.youtube.com/watch?v=AYdZNyA8Zwg
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