My life is an open book
Known to all
The telltale tales
The turbulent troubles
The constricting constrains
The depleting weaknesses
The fleeting revelries
The prolonged aloneness
But have anyone ever read
My silences ?
Beneath a carpet of dying ashes
The still smouldering cinders ?
The untimely
Unreasonably
Merciless, shameless
Boundlessly
Hurtling all barriers
Sudden
Crashing, tumbling
Torrents of downpour ?
The one and only
Rooted witness
Yet silently spectating
My ruinous collapse
On drenched cheeks
The scorched streaks
My bosom foe
The pricking, embellishing angst
No......don't waste thy mercy
I am not yet legit
Let only be there the sobbing
Throbbing
Unseasonal
Dousing deluge
मेरी ज़िन्दगी खुली किताब है
सब जानते हैं
मेरी कहानियां
मेरी परेशानियां
मेरी मजबूरियां
मेरी कमज़ोरियाँ
मेरी क्षणभंगुर खुशियां
मेरी चिरंतन तन्हाइयाँ
पर क्या कोई पढ़ पाया
मेरी खामोशियाँ ?
ठंडी रांखों के कालीन के नीचे दबी
धधकती चिंगारियां ?
बेवक़्त ही सही
बेवजह ही सही
बेरहम , बेशर्म सी
हर सीमा को लांघती
हर बाँध को तोड़ती
अकस्मात्
उमड़ती पानियाँ ?
वही तो है इकलौती
चश्मदीद गवाह
एक मात्र पर चुप्पी साधे
घूरती मेरी बरबादियाँ
गीले गालों पर सूखे
दागों की निशानियां
वही तो है मेरी जिगरी दुश्मन
मेरी खलिश मेरी रानाइयाँ
करो न मुझपे मेहरबानियां
न हूँ मैं इस क़ाबिल
सिर्फ सिसकने दो
सुलगने दो
यह बेमौसम की
बरसानियाँ
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