Tuesday, 19 July 2022

Dreams

 

Nowadays I wake up

Without remembering my dreams

I let them pass

They were just dreams ...you know

But still I crave those moments

Of fancy

Of madness

Of joy

Of revelry

If only I could recall a wee bit

If only I could sleep

All night



आजकल सुबह जगती हूँ तो 

सपनें याद नहीं आते 

मैं भी जाने देती हूँ 

सपनें ही तो थे बस    पता है न 

पर फिर भी न जाने क्यों 

उन लम्हों को तरस जाती हूँ 

वो कल्पनाएं 

वो पागलपन 

वो ख़ुशी 

वो बेबाकपन 

काश मुझे याद रहते इतना सा भी 

काश मैं सो सकती रात भर 





https://www.youtube.com/watch?v=AYdZNyA8Zwg


Pic from Google